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गुना. मध्य प्रदेश में बरसों से उपेक्षित आदिवासी(tribal community)( समुदाय का शोषण कोई नई बात नही है लेकिन बात तब अहम हो जाती है जब प्रदेश की शिवराजसरकार(shivraj govt) आदिवासीयों कों मुख्य धारा(Mainstream) से जोड़ने के लिए उनके सम्मान में आदिवासी गौरव दिवस(tribal pride day) मना रही है उसी प्रदेश के करीब 250 ज्यादा आदिवासी मजदूरों को दूसरे राज्यों में बंधक(hostages) बनाकर उन पर अत्याचार किया जाता है उन्हे डरा धमका कर उन से जबरन मजदूरी कराई जाती है। प्रदेश के करीब 300 से 400 आदिवासी मजदूरों को ज्यादा मजदूरी देने का लालच देकर ठेकेदारों के द्वारा महाराष्ट्र(Maharashtra) और कर्नाटक(Karnataka)ले जाकर बंधक बनाया गया और महीनों तक बंधक बनाए गए मजदरों से खेतों में काम करवाया गया इस दौरान न तो उन्हे मजदूरी दी गई न ही भर पेट भर खाना दिया गया। काम के बाद उन्हे रात भर कमरों बंद रखा जाता था महाराष्ट्र और कर्नाटक में बंधक बनाए गए प्रदेश के तीन जिलों के करीब 250 मजदूरो का से रेस्क्यू कराया गया।
ज्यादा मजदूरी के जाल में फंसे गुना के 100 आदिवासी
गुना ग्वालियर भिंड क्षेत्र के सहरिया-आदिवासियों(Sahariya(Tribes) को काम के लिए ठेकेदारों(contractors) के द्वारा ज्यादा मजदूरी का झांसा देकर महाराष्ट्र बुलाया गया जहां उन्हे बंधक बनाकर दिनभर गन्ने के खेतों में काम कराया जाता इस दौरन न तो उन्हे मजदरी दी जाती थी न ही पेट भर खाना दिया गया। मजदूरों के परिजनों की शिकायत के बाद गुना प्रशासन ने महाराष्ट्र से करीब 100 मजदूरों का रेस्क्यू कराया जिनमें 25 से ज्यादा बच्चे भी शामिल थे। वापस लाए गए 31 मजदूरों को पुणे के इवापुर और 69 मजदूरों को कोलहापुर के कागल में बंधक बनाया गया था
झाबुआ के 65 आदिवासियों के भोले पन का उठाया फायदा
झाबुआ जिले से करीब 8 गांव के 65 मजदूरों को भी ज्यादा 400 रुपए की मजदूरी का लालच देकर ठेकेदार महाराष्ट्र और कर्नाटक लेकर गया था। जहां करीब एक महीने से ज्यादा समय तक उन्हे बंधक बनाकर रखा गया, दिन भर उन से खेतो में गन्ने की कटाई करवाई जाती और रात में उन्हे पशुओं की तरह एक कमरे में बंद कर दिया जाता। कमरे से बाहर निकलने या भागने पर जान से मारने की धमकिया दी जाती थी। इसी बीच एक मजदूर ने चोरी-छिपे वहा हो रही ज्यादत्ती की .विडीयों बनाकर परिजनों को भेज दिया। जिसके बाद गांव के लोगों ने जिला कलेक्टर(Collector) से शिकायत की। जिला कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस(police) भेज कर सभी मजदूरों का रेस्क्यू कराया गया।
कटनी के 85 मजदूरों को बेरोजगारी ने मुसीबत में डाला
कटनी जिले के कैमोर इलाके के सलैया कोहारी और आसपास के गांव से करीब 85 मजदूरों को अधिक मजदूरी का लालच देकर कर्नाटक के सोलपुर ले जाया गया था। जहां पर दिन रात मजदूरों से मजदूरी कराई जा रही थी। वहा मजूदरों के फोन तक जब्त कर लिए गए थे उन्हे परिजनों से बात तक नही करने दी जाती थी। न ही घर वापस आने दिया जा रहा था बंधक बनाए जाने की सुचना मिलने के बाद प्रशासन ने पुलिस की मदद से सभी 85 मजदरों की वापसी करवाई
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